मंत्री चंपई सोरेन के सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने 1 घंटे तक मंत्री के काफिले को रोके रखा। दरअसल 1932 खतियान लागू करने की मांग को लेकर झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के जिला संयोजक मंडली द्वारा मंत्री चंपई स
मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री चंपई सोरेन की तबीयत लू लगने की वजह से बिगड़ी थी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद चंपई सोरेन ने कहा कि ईश्वर तथा पुरखों की कृपा, डॉक्टरों के अथक प्रसाय तथा आप सभी की प्रार्थना एवं आशीर्वाद से मुझे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
राज्य के कई जिलों में हाथियों द्वारा जान-माल, घरों की तोड़-फोड़ एवं खेतों में खड़ी फसल को नुकसान के बाद राज्य सरकार वर्तमान में 4.50 लाख रुपये मुआवजा देती है, जिसे 6 लाख रुपये करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से कांग्रे
कोविड सेंटर में तब्दील हुआ ग्रामीण कल्याण हॉस्पिटल, इन जिलों में मरीजों को मिलेगा लाभ